कृषि मंत्री के नाक के नीचे कौन खा गया मृत किसानों के नाम पर करोड़ों
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जो बड़े खुलासे किए उसके बाद कई सारे सवाल एक साथ खड़े हो रहे हैं। गरिमा दसौनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि अभी तक का सबसे अजीबोगरीब घोटाला हुआ है। वो भी कृषि मंत्री ने नाक के नीचे।
घोटाला जुड़ा है उन किसानों से जो अब इस दुनियां में भी नही हैं और उनके नाम पर करोड़ों का घोटाला भी हो गया है।
गरिमा ने कहा की उत्तराखंड में अब तक के सबसे अजीबो-गरीब घोटाले की बानगी हैं की राजधानी देहरादून में विभागीय मंत्री के नाक के नीचे उनकी विधानसभा में इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है ।
राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आपसी मिली भगत से अधिकारी 1.5 करोड़ खा गए हैं। साथ ही उनका साथ एक निजी कंपनी ने भी दिया है।
दसौनी नी ने आरोप लगाया कि विभागीय मंत्री की विधानसभा में इस बड़े कारनामों को अंजाम दिया गया है और यह बिना मंत्री के संरक्षण या सांठ गांठ के संभव नहीं है।
दसौनी ने बताया की सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार 200 मृत किसानों के अधिकारों पर डाका डाला गया है, बकायदा फर्जी साइन करके किसानों के अकाउंट से पैसे भी निकाले गए हैं। दसौनी ने बताया कि 2022-23 के वित्तीय वर्ष 31 मार्च को खत्म होने से पहले 28 मार्च 2023को एक ही मोहर और एक ही दिन 200 खातों में डेढ़ करोड़ रुपया ट्रांसफर कर दिया गया था।
दसौनी के अनुसार मृत किसानो के भी कर दिए गए साइन,और तो और अनपढ़ महिला है लेकिन सत्यापन पर अंग्रेजी में साइन??
एक ही दिन में 200 किसानों का सत्यापन, एक ही वकील की मुहर, सत्यापन का एक भी फोटो मौजूद नही जबकि नियमानुसार फील्ड में जाकर करना होता हैं सत्यापन
किसानों के घर पानी नहीं हैं लेकिन लाखो के पाइप और फुव्वारे फेंक गए अधिकारी ।
कृषि विभाग के विधानसभा, ब्लॉक और न्यायपंचयात स्तर के अधिकारियों और निजी कंपनी की मिलीभगत का मामला।
मामले में 4 से 6 अलग अलग कंपनियों की संलिप्तता, सभी कंपनियां एक ही व्यक्ति या रिश्तेदारों की होने की संभावना।
मामला पूरी तरह से विभागीय मंत्री की विधानसभा से जुड़ा हैं उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नही, क्या मंत्री की शह पर सब हुआ है?
दसोनी ने प्रदेश के मुखिया का आह्वान करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री धामी स्वयं को भ्रष्टाचार पर चोट करने वाला और जीरो टॉलरेंस का मुख्यमंत्री कहते हैं तो उन्हें चुनौती है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की सच्चाई प्रदेश की जनता के सामने रखें ,उसमें किस तरह से पैसे की बंदर बाट हो रही है और किसानों के अधिकार और हक का पैसा मारा जा रहा है इसको जनता के सामने रखें। दसौनी ने यह भी कहा कि जो भी मंत्री विधायक या अधिकारी गरीब किसानों के हक् का पैसा या निवाला खा रहे हैं उनका जमीर किस हद तक मर चुका होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है दसौनी ने कहा की क्योंकि योजना का नाम प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना है इसलिए डबल इंजन के मंत्री और विधायक किस तरह से प्रधानमंत्री के नाम पर बट्टा लगा रहे हैं यह प्रधानमंत्री कार्यालय को संज्ञान लेना चाहिए।