3 November 2025

आखिर बिना जांच के ही केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाले दो पायलट को क्यों कर दिया गया सस्पेंड?

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इस साल केदारनाथ यात्रा कई रिकॉर्ड बना रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जबसे यात्रा शुरू हुई है तब से अभी तक 300 करोड़ का कारोबार हो चुका है।

घोड़ा खच्चर संचालन से 67 करोड रुपए और हेली सेवाओं ने 60 करोड़ का व्यापार किया है वही जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों ने भी लगभग डेढ़ सौ करोड रुपए का व्यापार किया है।

लेकिन इन सब के बीच में जहां हेली सेवाओं ने 48 दिनों में 60 करोड़ का व्यापार किया है तो पिछले चार दिनों से केदार घाटी में एक भी हेलीकाप्टर नहीं उड़ रहा है। वो श्रद्धालु जिन्होंने कई महीनो पहले अपने टिकट ले लिए थे वह लोग भी परेशान है, इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से जुड़े हुए व्यापारी भी परेशान है कि आखिर कब केदारनाथ धाम के लिए दोबारा हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होगी।

 

हेलीकॉप्टर सेवा शुरू न होने की वजह से यात्री तो परेशान हैं ही पर सवाल उठता है कि आखिर हेलीकॉप्टर सेवा मौसम ठीक होने के बाद भी अभी तक शुरू क्यों नहीं हो पाई है!

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और इसकी वजह 15 जून को केदार घाटी में हुए हेलिकॉप्टर हादसे से जुड़ी हुई है। 15 जून को केदार घाटी में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो था। जिसमें पायलट समेत 7 लोग सवार थे इसमें बच्चे शामिल भी थे, हेलीकॉप्टर हादसे में सभी की जान चली गई। हेलीकॉप्टर हादसे की वजह जहां प्रशासन द्वारा खराब मौसम को बताया गया तो इसकी आंच दो पायलट के ऊपर भी गिरी। दोनों ही पायलटो को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया इसके साथ ही 6 महीने के लिए उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है।

 

सूत्रों के अनुसार हादसे की वजह मौसम का खराब होना नहीं बल्कि डीजीसीए के मैनेजमेंट से जुड़ी हुई है। फ्लाइट ने तभी उड़ान भरी जब पायलट द्वारा डीजीसीए के फ्लाइट ऑपरेशन ऑफिसर से परमिशन ली गई लेकिन अब सारा ठीकरा पायलट के सर पर फोड़ा जा रहा है।

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इसके साथ ही जब हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी उस समय का भी एक वीडियो सामने आ गया है जिससे साफ नजर आ रहा है की मौसम उस तरफ बिल्कुल साफ है जहां हेलिकाप्टर को उड़ान भरनी थी।

 

वीडियो का स्क्रीन शॉट

पायलट ने बिल्कुल डीजीसीए के नियमों के अनुसार ही उड़ान भरी थी डीजीसीए के नियम साफ कहते हैं कि हम सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले परमिशन लेकर उड़ान भर सकते हैं।

वहीं बिना जांच के ही दोनों पायलट को दोषी करार दे दिया गया है। जिसकी वजह से दोनों ही पायलट बहुत परेशान हैं।

हमने उन पायलट से बात करने की कोशिश की तो उनकी तरफ से कहा गया कि हम दोनों ने ही भारतीय सेना के लिए काम किया है एक भारतीय थल सेना में थे तो दूसरे भारतीय वायुसेना में। हमें हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव भी लंबा है “बस यही कहना चाहते हैं कि जो भी हुआ इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसी को भी दोषी करार देने से पहले जांच जरूर होनी चाहिए”

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डीजीसीए के उड़ान को लेकर नियम

हमने उन पायलट से बात करने की कोशिश की तो उनकी तरफ से कहा गया कि हम दोनों ने ही भारतीय सेना के लिए काम किया है एक भारतीय थल सेना में थे तो दूसरे भारतीय वायुसेना में। हमें हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव भी लंबा है “बस यही कहना चाहते हैं कि जो भी हुआ इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसी को भी दोषी करार देने से पहले जांच जरूर होनी चाहिए।

 

 

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