22 November 2024

बद्रीनाथ में भाजपा को गलत प्रत्याशी पर दांव लगाना पड़ गया भारी!

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बद्रीनाथ में भाजपा को गलत प्रत्याशी पर दांव लगाना भारी पड़ गया, जिसे न भाजपा कार्यकर्ता पचा पा रहे हैं और न ही जनता समझ पा रही है। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले राजेंद्र भंडारी को मास्टर स्ट्रोक के रूप में भाजपा में शामिल करवाया गया था, लेकिन यह अब भाजपा के ही गले की हड्डी बनने लगी है।

 

जनता ने लोकसभा चुनाव में बेवजह की तोड़फोड़ को मास्टर स्ट्रोक बताने वालों को उपचुनाव के नतीजों के साथ अब करारा जवाब दिया है। कांग्रेस से भाजपा में लाए गए राजेंद्र भंडारी के लिए वोट मांगने प्रदेश के बूथ लेवल कार्यकर्ता से लेकर पूरी कैबिनेट बद्रीनाथ विधानसभा में घूम रही थी लेकिन जनता के मन की बात कोई नहीं समझ पाया। अब जनता ने भाजपा और कांग्रेस से भाजपा में आए राजेंद्र भंडारी को एक झटके में झटक दिया है।

बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि जनता जबरदस्ती के थोपे चुनाव और दल बदलू नेता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। एक तरफ जहां जनता की नाराजगी साफ-साफ इस उपचुनाव के परिणाम में देखने को मिल रही है, वहीं अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी देखने को मिल सकती है क्योंकि जब से राजेंद्र सिंह भंडारी भाजपा में शामिल हुए हैं तब से भाजपा के कार्यकर्ता खुद को असमंजस की स्थिति में देख रहे हैं।

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यही एक कारण भी रहा कि भाजपा को यहां प्रचार में प्रदेश के अधिकतर कैबिनेट मंत्री, गढ़वाल सांसद, कुमाऊ सांसद, राज्य मंत्रियों सहित खुद मुख्यमंत्री धामी के भी शामिल होने के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई।

जनता ने साफ कर दिया कि अब जबरन थोपे गए प्रत्याशियों के जमाने लद गए। बद्रीनाथ में भाजपा जनता का मिजाज भांपने में विफल रही। लोकसभा चुनाव में ही अंदरखाने बह रही हवा का वो आंकलन नहीं कर पाई और विधानसभा उपचुनाव में गलत प्रत्याशी पर दांव खेलने का खामियाजा हार के रूप में भुगतना पड़ा।

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भंडारी ने बीच में ही विधानसभा सीट छोड़ दी और बद्रीनाथ की जनता पर मानसून के दौर में एक और उपचुनाव थोप दिया। जिस कारण क्षेत्र की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही थी। जनता का कहना भी था कि जब हमने आपको पहले भेजा था और किसी ने कोई शिकायत भी नहीं की, इसके बावजूद राजेंद्र सिंह भंडारी कहते रहे कि वह विकास के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में विकास नहीं हो रहा है। हालांकि किसी ने भी इसकी शिकायत नहीं की थी लेकिन इसके बावजूद भंडारी भाजपा में शामिल हो गए। अब उन्हें हार का सामना करना पड़ा है क्योंकि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही थी

विधानसभा चुनाव 2022 में पूरे प्रदेश में भाजपा की प्रचंड लहर थी लेकिन गढ़वाल क्षेत्र में बद्रीनाथ विधानसभा में एकमात्र कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह भंडारी मोदी लहर और भाजपा की प्रचंड लहर के बावजूद जीत कर गए और विधायक चुने गए। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राजेंद्र भंडारी को दिल्ली में भाजपा में शामिल कराया था। भाजपा इसे लोकसभा चुनाव में मास्टरस्ट्रोक मानती रही। हालांकि लोकसभा चुनाव तो जीते लेकिन उपचुनाव में जनता ने पटकनी दे दी।

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राजेंद्र सिंह भंडारी को बद्रीनाथ में जाना-माना नेता माना जाता है, बद्रीनाथ में भाजपा का वोट बैंक भी बहुत जबरदस्त है लेकिन इसी बद्रीनाथ में अब भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है बद्रीनाथ विधानसभा में राजेंद्र भंडारी की गढ़वाल क्षेत्र के कट्टर ठाकुरवादी की है। 2016 में जब कांग्रेस के आधे से ज्यादा मंत्री विधायक भाजपा में आ गए थे, तब भी भंडारी, कांग्रेस में टिके रहे।

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