शिक्षा विभाग में चर्चाओं का विषय बना हुआ है बोर्ड रिजल्ट के आधार पर ट्रांसफर, क्या है सच हम बताते हैं आपको

देहरादून।
उत्तराखंड में शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग है जो सबसे बड़े विभागों में से एक हैं। वहीं आए दिन इस विभाग में कोई न कोई नई चर्चाएं होती रहती हैं साथ ही कई खबरें भी सामने आती रहती हैं।
अब इस विभाग से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। और इस बार चर्चाओं का विषय है ट्रांसफर एक्ट।
विभाग में इन दिनों चर्चा चल रही है कि अब उन शिक्षकों का ट्रांसफर मैदाने से पहाड़ों की तरफ किया जाएगा जिनका रिजल्ट बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा नहीं आया है। यानी कि उनके स्कूलों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
लगातार इस बात की चर्चा चल रही है कि अब मैदानी इलाकों के स्कूलों में खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों को पहाड़ भेजा जाएगा, यानी उनका ट्रांसफर पहाड़ों के स्कूलों में कर दिया जाएगा।
जैसे ही यह खबर सामने आए उसके बाद शिक्षकों के बीच में यह एक चर्चा का विषय बन गया है। साथ ही हर कोई जानना चाहता है कि अब आगे क्या होगा!
वहीं जब हमने इस बात की जांच करने की कोशिश की तो पता चला कि फिलहाल शिक्षा विभाग में ऐसा कोई नियम नहीं है, अभी तक विभाग द्वारा ऐसा नियम नहीं है कि यदि किसी शिक्षक का बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट अच्छा नहीं आता तो उसका ट्रांसफर पहाड़ों में कर दिया जाए।
सवाल यह भी खड़ा होता है कि पहाड़ी स्कूलों में जिन शिक्षकों का बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट अच्छा नहीं आएगा उनका ट्रांसफर कहां किया जाएगा।
वहीं जब हम इस विषय को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक मुकुल सती से बात की ओर उनसे जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में ट्रांसफर एक्ट 2017 लागू है उसी के तहत ट्रांसफर किए जाते हैं उसके अलावा कोई भी नियमावली नहीं है या फिर कोई भी व्यवस्था नहीं है।
अब यह साफ हो गया है कि शिक्षा विभाग में ट्रांसफर एक्ट को लेकर जो चर्चाएं चल रही है वो सिर्फ मात्र चर्चाएं ही है। और अब इनपर विराम भी लग गया है।