13 September 2025

सनातन नगरी हरिद्वार में चला अतिक्रमण पर बुलडोज़र,गंगा घाटों से हटाया जा रहा अवैध कब्जा !

0
Screenshot_2025-06-28-18-42-40-72_6012fa4d4ddec268fc5c7112cbb265e7

जहां गंगा अविरल बहती है, जहां श्रद्धा हर श्वास में बसती है, और जहां कण-कण में सनातन की चेतना जाग्रत है। इसी आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत इस नगरी में हाल के वर्षों में अव्यवस्था और अतिक्रमण की जड़ें गहरी होती चली गई थीं। किन्तु अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट और कठोर निर्देशों के बाद, प्रशासन ने एक निर्णायक और साहसी कदम उठाया है—हरिद्वार को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में “सनातन अभियान” की शुरुआत।

ये भी पढ़ें:   भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरव पांडे ने जताया प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार

 

जिला प्रशासन, नगर निगम और विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने हर की पैड़ी के सामने लालजीवाला क्षेत्र में लंबे समय से अवैध रूप से बसे कच्चे-पक्के ढांचों को हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की। जेसीबी मशीनों के साथ यह कार्रवाई सुबह से देर शाम तक जारी रही, जिसमें सैकड़ों अतिक्रमणकारी ढांचों को ध्वस्त किया गया। यह वही क्षेत्र है जहां कुंभ के दौरान देशभर से आने वाले अखाड़ों के शिविर लगते हैं और करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में इन स्थलों पर व्यवस्थित स्थान उपलब्ध कराना, सुरक्षा और स्वच्छता की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक था। प्रशासन द्वारा पहले ही मुनादी कर अतिक्रमणकारियों को सूचित किया जा चुका था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि यह कार्रवाई अचानक नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित और संवेदनशील प्रक्रिया के तहत की गई है।

ये भी पढ़ें:   केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के केंद्रीय अंश के रूप में राज्य को जारी किए 455 करोड़ 60 लाख रुपए

 

यह अभियान केवल अवैध कब्जों को हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य है कुंभ 2027 और आगामी कांवड़ यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना। साथ ही हरिद्वार कॉरिडोर परियोजना को गति देने के लिए भी यह कदम जरूरी था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह पहल दर्शाती है कि उत्तराखंड सरकार राज्य के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए विकास के साथ संतुलन बनाने को प्रतिबद्ध है। यह अभियान बताता है कि जहां एक ओर श्रद्धा है, वहां व्यवस्था भी होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed