मुख्य सचिव ने जब ली बैठक, तब चला पता। प्रदेशभर में बहुत बड़ी संख्या में हैं पुल असुरक्षित
राज्य में पुलों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को खनन, वन एवं सिंचाई विभाग के लिए स्पष्ट एसओपी व गाईडलाइन्स बनाने एवं लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। सीएस राधा रतूड़ी ने पुलों के निर्माण एवं मेंटनेस में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने तथा निर्माण कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों सहित जिलाधिकारियों को सेतुओं के निर्माण एवं देखरेख का निरन्तर पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने प्रतिबन्धित क्षेत्रों में खनन रोकने हेतु सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं।
राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रतिबन्धित क्षेत्रों में खनन गतिविधियों की शिकायत जनता द्वारा की जा सके इसके लिए हेल्प लाइन का मेकेनिज्म मजबूत किया जाय। इस सम्बन्ध में जनजागरूकता बढ़ाई जाए।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य में पुलों की सुरक्षा के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग एवं खनन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सिंचाई विभाग को नदी पर स्थित ब्रिज की सुरक्षा हेतु अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम में रिवर ट्रेनिग/फल्ड प्रोटेक्शन वर्क के निर्माण हेतु हाइड्रोलोजिकल पैरामीटर्स के आधार पर हाइड्रोलिक एनालेसिस कर डिजाइन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने सभी सम्बन्धित विभागों को इन्टिग्रेटेड अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में लोक निर्माण विभाग ने जानकारी दी कि पिछले साल बहुत अधिक बारिश के कारण लोक निर्माण विभाग के तहत 97 सेतु असुरक्षित हो गये थे जिनमें से अब 18 सेतु असुरक्षित श्रेणी से बाहर है तथा 49 सेतुओं में मरम्मत कार्य प्रगति पर है एवं अन्य पर विभागीय कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में सचिव डा0 पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार सहित वन, खनन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।