बंदरों से परेशान किसान शुरू करने जा रहे एक आंदोलन “बन्दर भगाओ खेती बचाओ आंदोलन”
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में किसान जंगली जानवरों से खासा परेशान है खासतौर पर अगर बात करें बंदरों की तो बंदरों से खेती को बचाना जैसे आज नामुमकिन सा किसानों के लिए हो गया है। सब्जी हो फल या फिर अन्य फैसले बंदर सभी को खत्म कर रहे हैं, और इसकी वजह से किसानों को हर साल भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं अब बागेश्वर के गरुड़ तहसील में किसान एक सोसाइटी के बैनर तले एक अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।
बागेश्वर के गरुड़ तहसील से गरुड़ सिविल सोसाइटी के बैनर तले चलाये जा रहे, बन्दर भगाओ, खेती बचाओ आंदोलन का विस्तार फरवरी माह से होने वाला है, गरुड़ सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने बागेश्वर पहुँच कर प्रेस वार्ता की तथा क्षेत्र के ग्रामीणों से 10 फरवरी को बैजनाथ चलो कि अपील कि है, गरुड़ सिविल सोसाइटी का कहना है, कि बन्दरों से पहाड़ कि खेती बाड़ी उजाड़ दी है, ग्रामीण खाद्यान्न संकट कि मार झेल रहे है, बन्दरों के आंतक से कत्यूर घाटी के ग्रामीण ज्यादा पीड़ित है, 10 फरवरी को बैजनाथ से बन्दर भगाओ खेती बचाओ आन्दोलन को व्यापम स्वरूप दिया जायेगा।