केंद्रीय मानकों के चलते उत्तराखंड के करीब 6 हजार गांव PMGSY से बाहर
केंद्रीय मानकों के चलते उत्तराखंड के करीब 6 हजार गांव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी PMGSY से बाहर हो गए हैं। ऐसे में सरकार अब इन गांवों को सड़क कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्लान बी पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केंद्र सरकार ने यह प्रावधान किया है कि केवल उन्हीं गांवों को इस योजना में शामिल किया जाएगा जिनकी आबादी 250 से अधिक है। इस मानक के चलते राज्य के करीब 6000 छोटे गांव योजना की सूची से बाहर हो गए हैं।
राज्य सरकार ने इनमें से लगभग 200 गांवों के लिए अपील कर कुछ हद तक राहत जरूर दिलाई है, लेकिन करीब 5800 गांव अब भी बिना सड़क कनेक्टिविटी के हैं। इनमें ज्यादातर गांव दुर्गम, सीमांत और जनजातीय क्षेत्रों में बसे हैं, जहाँ न तो पक्की सड़क है और न ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कोई सुविधा।
ग्राम्य विकास सचिव धीराज गर्ब्याल के मुताबिक, अब तक पीएमजीएसवाई के तीन चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि चौथे चरण के लिए भारत सरकार के साथ इन-पावर कमेटी की बैठक हुई है। इस बैठक में राज्य की 11 जिलों की 184 सड़कों पर चर्चा की गई, जिनकी DPR कॉस्ट 184 करोड़ रुपये से अधिक है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार हर गांव को सड़क कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही है और तकनीकी चुनौतियों के समाधान पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सचिव ने कहा कि इन सभी सड़कों के आदेश अगले सप्ताह तक जारी किए जाने की संभावना है।
धीराज गर्ब्याल, सचिव, ग्राम्य विकास विभाग
