कांग्रेस के लिए बड़ा झटका, अब हरीश रावत भी नही लड़ना चाहते चुनाव, लेकिन कर रहे हैं इनकी पैरवी
5 लोकसभा सीटों में कांग्रेस के कौन प्रत्याशी होंगे यह अभी तक तय नही हो पाया है लेकिन हरिद्वार लोकसभा सीट से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन अब हरीश रावत के एक बयान ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत की एंट्री लोकसभा चुनाव में होती दिख रही है। और इसकी वजह से कांग्रेस में हलचल मच गई है।
हालांकि वीरेंद्र विधानसभा चुनाव में खानपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे, लेकिन अब उनके होर्डिंग-पोस्टर पूरे लोकसभा क्षेत्र में नजर आने से इसे लोकसभा की दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है।
और हरीश रावत के एक बयान ने इस ओर इशारे भी कर दिए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बड़ा बयान दिया है। हरीश रावत का कहना है की वो अब चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहते हैं। और यही अवसर है जब वो चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर आ सकते हैं। उनका कहना है की यदि वो चुनाव लड़े तो अगले 10 साल तक चुनाव लड़ने की राजनीति में फंसे रहेंगे।
हरीश रावत ने हरिद्वार से अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी की है। वीरेंद्र रावत कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि पार्टी यदि मेरे संबंधों का, मेरे नाम का, मेरे काम का उपयोग कर पाएगी तो मेरा बेटा उसे बेहतर तरीके से कर पाएगा.
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री