दिन दोपहर 9 वर्षीय मासूम बालिका को गुलदार ने बनाया निवाला, भारी आक्रोश के बाद वन विभाग ने शूट करने के आदेश
टिहरी जनपद के भिलंगना रेंज में पिछले दो दिन पूर्व भौंड़ गांव में एक 9 वर्षीय बालिका को निवाला बनाने के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए गुलदार को नर भक्षी घोषित करने आदेश कर दिए थे जिस के बाद ग्रामीण शांत हुए गुलदार की दहशत से पूरे छेत्र में भय का माहौल बना हुआ है।आज छेत्र के प्राइमरी स्कूल में छुट्टी कर दी गई हैं। पूरे छेत्र में लोग विभाग और प्रशासन से गुलदार को जल्द ही शूट करने की मांग कर रहे हैं जिस के बाद विभाग ने घटनास्थल पर शिकारी तैनात कर दिया है।
विदित हो कि बीते सोमवार को वन बीट हिंदाव के ग्राम पंचायत भौड गांव में 9 वर्षीय पूनम को गुलदार ने आंगन से उठा कर अपना निवाला बना दिया था जिस से पूरे छेत्र में गुलदार को नर भक्षी घोषित कर उसे मारने की मांग लगातार की जा रही थी।
वहीं क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के मौके पर पहुंच गया था जबकि आदमखोर गुलदार को शूट कराने के मौखिक आदेश रात्रि में मिल गए थे जबकि लिखित आदेश आज सुबह ही मिल गए थे, वहीं विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ सरकार की पूरी संवेदना है और हर संभव मदद की जाएगी ।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने आखिरकार 10 घंटे बाद गुलदार को आदमखोर घोषित करने के आदेश जारी कर गुलदार को शूट आउट करने के लिए शिकारी जै हुक्कल को तैनात कर दिया हैं। ग्रामीणों के साथ पूरी रात घटना स्थल पर मौजूद रहे पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने बताया की वन विभाग गुलदार को आदमखोर घोषित करने के मामले में लापराही बरत रहा था किसी
जिस से ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश हैं लगातार छेत्र में बढ़ रही गुलदार की धमक से ग्रामीण पिछले कई दिनों से डरे सहमे हुए हैं। आज मंगलवार को जिस स्कूल में पूनम पढ़ती थी उस विद्यालय के साथ क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय पुरवाल गांव, अन्तथवाल गांव,महर गांव चार स्कूलों अवकाश कर दिया गया हैं। घटना के बाद से मृतक की मां उषा देवी का रो रो कर बुरा हाल हैं।घर पर मां को संतुना देने वाले ग्रामीणों का तांता लगा हुआ हैं।मौके पर पहुंचे शिकारी जै हुकल ने गुलदार को सूट करने के लिए बॉडी को घटना स्थल पर ही रखने को कहा हैं। उधर इस मामले में रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल ने बताया कि गुलदार को आदमखोर घोषित करने के लिए उच्च अधिकारियों से परमिशन मिलने के बाद शिकारी दल को तैनात कर दिया गया हैं। साथ पीड़ित परिवार को फौरी तौर पर राहत राशि दे दी गई हैं। साथ ही बॉडी का पोस्टमार्टम कर दिया गया हैं।