कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के का उत्तराखंड दौरा, और प्रदेश में हो गई राजनीति अभी से शुरू
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के 28 जनवरी को देहरादून आ रहे हैं देहरादून में वह एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके लिए प्रदेश भर से लगभग 15 से 20 हजार कांग्रेस कार्यकर्ता देहरादून पहुंच रहे हैं। वहीं मल्लिकार्जुन खड़के के इस दौर से पहले ही उत्तराखंड में राजनीति होनी शुरू हो गई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य कि भाजपा सरकार असम की तरह उत्तराखंड में भी विपक्ष के कार्यक्रमों में रोड़ा अटका रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की देहरादून में आगामी 28 जनवरी को परेड ग्राउंड में होने वाली जनसभा की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी.. ऐसे में अब ये सभा राजधानी देहरादून में बन्नू कॉलेज के मैदान में की जाएगी। खड़गे के उत्तराखंड दौरे को लेकर आगे करन माहरा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर असम की तरह ही लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया है।
भाजपा ने कांग्रेस की प्रस्तावित रैली के लिए प्रशासन पर भाजपा के दबाव को लेकर मिथ्या दुष्प्रचार और राजनैतिक प्रोपेगेंडा बताया है ।
बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा के लिए पहले ही बन्नू ग्राउंड बुक करा चुकी है । वह सिर्फ सहानुभूति और सुर्खियों में आने के लिए बेवजह विवाद खड़ा कर रही है ।
पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के आरोपों को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस बड़ी रैली को लेकर आशंकित है और लगातार छोटे मैदानों का मुयाइना कर रही है। और इसके बाद ही उन्होंने रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के मैदान को लगभग एक सप्ताह पहले ही बुक करा लिया था। उसी अनुरूप कांग्रेस पार्टी तैयारी भी कर रही है और पूरे प्रकरण को लेकर उनकी कोशिश अपने नेता राहुल गांधी की विवाद खड़ा करने की नीति पर अमल करने की है। यही वजह है कि परेड ग्राउंड की अनुमति प्रक्रिया को लेकर झूठे और अनर्गल आरोप लगाकर मीडिया की सुर्खियां बनने और जनता में भ्रम फैलाने की साजिश की जा रही है ।
जहां कांग्रेस ने सरकार के ऊपर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर देहरादून का परेड ग्राउंड मल्लिकार्जुन खड़के के कार्यक्रम के लिए कांग्रेस को नहीं दिया तो भाजपा ने भी इसका जवाब दिया है। दूसरी तरफ देहरादून जिला अधिकारी का कहना है कि उनके पास 24 जनवरी को अनुमति का पत्र कांग्रेस द्वारा भेजा गया मिला है। जबकि उसके बाद 26 जनवरी की तैयारी में पूरा प्रशासन जुड़ा हुआ था।