पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा एक लंबा सोशल मीडिया पोस्ट, स्टिंग मामले पर पूछे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से कई सवाल

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक लंबा सोशल मीडिया पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से कई सवाल पूछे हैं।
हरीश रावत ने लिखा है
प्यारे भट्ट जी,
जी हां महेंद्र भट्ट जी, आपने बहुत अच्छा कहा, मुझे डरने की क्या जरूरत है? क्योंकि मुझे जो नुकसान होना था, आपकी पार्टी का प्रपंच वह नुकसान मुझे पहुंचा चुका है। अब तो नुकसान उठाने की आपकी बारी है। जब भी तथाकथित स्टिंग प्रकरण का पूर्ण सत्य सामने आएगा, भाजपा के मुंह पर ऐसी कालिख पुतेगी कि आपकी पार्टी उसे धो नहीं पाएगी।
मैंने अपनी #न्याय_यात्रा के दौरान आपके दो मक्कारी भरे महा झूठों का पर्दाफाश किया। मैं आपकी पार्टी के इस तीसरे महापाप का भी भंडाफोड़ करूंगा। अभी तक आपकी पार्टी व सरकार न तो शुक्रवार अर्थात जुम्मे की छुट्टी का सरकारी गजट नोटिफिकेशन दिखा पाई है और न मेरा अखबार में छपा या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिया गया बयान दिखा पाई है, जिसमें मैंने कहा हो कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी! मैंने इनाम घोषित किया, फिर आपके व्यंगों से कुपित होकर आपको और आपकी सरकार को मैंने ललकारा, अपने स्वभाव के विपरीत ललकारा कि बाप के बेटे हो तो प्रमाण दो। अभी तक आपकी पार्टी कोई प्रमाण नहीं दिखा पाई है।
2016 का #तथाकथित स्टिंग व स्टिंगबाज, आपकी पार्टी का तारणहार है। आज भी आप अपने ईष्ट देवता से ज्यादा 2016 के स्टिंग को याद करते हैं और स्टिंगबाज आपकी पार्टी व आपकी सरकार को कितना प्यारा है, कितना दुलारा है और कितना कमाऊ है, इस विषय में आप ज्ञानवर्धन के लिए अपने ही एक भूतपूर्व #मुख्यमंत्री तथा एक भूतपूर्व विधायक जिनकी मूछें दल-बदल से पहले आसमान छेदती हुई दिखाई देती थी उनसे ज्ञानवर्धन ले सकते हैं, यदि टेलीफोन नंबर नहीं है तो मैं दे सकता हूं। भट्ट जी मैं आपको बताते चलूं कि इस तथाकथित स्टिंग में स्टिंगबाज आपकी पार्टी के एक और भूतपूर्व मुख्यमंत्री जिनके आप नम्रता वश पांव छूते हैं, उन्हें पापी कहता है और उनके पुत्र को सेटर अर्थात दलाल बताते हुए कहता है कि उसने “मुख्यमंत्री आवास को #दलाली का अड्डा बना दिया था”। बताइये क्या स्टिंगबाज के इस कथन पर आप विश्वास करते हैं?
आपने मेरा टॉप-अप तो सुना, लेकिन यह नहीं सुना कि मैं सरकार बचाने का भरोसा दिला रहे व्यक्ति द्वारा बिकने वाले विधायकों का प्रस्तावित मूल्य अदा करने में असमर्थता व्यक्त कर रहा हूं और कह रहा हूं कि मेरे पास कुछ भी नहीं है। यह तो आपकी पार्टी के भेजे सौदागर की दरियादिली थी कि वह बिना मांगे और बिना किसी पैसे के मेरे नाम पर लालकिला और चांदनी चौक करने में आमदा था। आपकी पार्टी का स्टिंगबाज बिना कुछ रुपये लिये जो मुझे लालकिला व चांदनी चौक बेच रहा था, मैंने भी सहज भाव से कह दिया कि जब मुझे लाल किला और चांदनी चौक की डिलीवरी कर दोगे तो ब्याज सहित मैं मूल्य अदा कर दूंगा।
यूं मैं आपके ज्ञानार्थ बता दूं कि कांग्रेस विधान मंडल दल, दल-बदलू विधायकों (उज्याडू बल्द) की सदस्यता रद्द करने हेतु दल-बदल कानून के तहत माननीय स्पीकर के पास आवेदन कर चुकी थी। माननीय स्पीकर महोदय ने कांग्रेस विधान मण्डल दल के आवेदन पर सभी दल-बदलुओं को नोटिस जारी कर दिए थे, की सदस्यता रद्द करने संबंधी मामले में आवश्यक विधिक प्रकिया प्रारंभ कर दी थी। इस प्रकिया के प्रारंभ होने के बाद आवेदन की मूल प्रकृति में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है अर्थात कांग्रेस पार्टी किसी भी दल-बदलू को वापस लेकर अपने पांव पर स्वयं कुल्हाड़ी मारती।
हमें पूरा विश्वास था कि सभी दल-बदलू विधायकों की सदस्यता रद्द होने जा रही है। क्योंकि उन्होंने एक महान न्याय विद (सेवा निवृत्त) जज महोदय के नेतृत्व में एक ऐसे संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए थे, जो पत्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता का लेटर हेड था। यह संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र माननीय राज्यपाल व स्पीकर महोदय को सौंपा गया था, यह पत्र अपने आप में दल-बदल का अकाट्य व स्वयं सिद्ध प्रमाण था। हम जानते थे इस पत्र के आधार पर सभी दल-बदलुओं की सदस्यता रद्द होगी ही होगी और बाद के घटनाक्रम में ऐसा ही हुआ। भट्ट जी जिन विधायकों की सदस्यता रद्द होने का मुझे विश्वास था तो मैं ऐसे सढ़े आलूओं को खरीदने की मूर्खता क्यों करता? स्टिंग स्वतंत्र पत्रकारिता की हाथ में एक अमोक अस्त्र है। मगर प्रायोजित स्टिंग कानूनी अपराध है। यह तथाकथित स्टिंग चीख-चीख करके कह रहा है कि मैं भाजपा प्रायोजित हूं, मैं भाजपा प्रायोजित हूं।
माननीय भट्ट जी आपने अपने बयान में एक शिकायतकर्ता का जिक्र किया है।सावधान रहना, ज्यादा छेड़छाड़ न करना। अभी तो उनके पेट से 2 ही गोले निकले हैं, जिन गोलों की आवाज ने आपकी पार्टी के नेताओं को अचेत कर दिया है। कहीं 2016 प्रकरण के सभी गोले बाहर निकल पड़े तो आपकी पार्टी का चेहरा और आपके कई नेताओं के चेहरे इतने बदरंग हो जाएंगे कि वह स्वयं भी अपने को नहीं पहचान पायेंगे। वैसे दिल्ली होशियार है। इसलिए सीबीआई और ईडी, दोनों इस व्यक्ति की परिक्रमा कर अस्तांचल गामी हो गये हैं।
मैं, #CBI के नोटिस से परेशान नहीं हूं। मैंने तो उनके आते ही कहा कि बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते! मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से चुनाव से एकाध वर्ष पहले सीबीआई को मेरी याद आती ही है, इस बार भी आई है। मैं चाहता हूं, सीबीआई गहराई से जांच करे। आपकी पार्टी और आपकी सरकार में यदि हिम्मत है तो सीबीआई की इस जांच को माननीय हाईकोर्ट के माननीय #सीटिंग_न्यायाधीश के देख-रेख में करवाने की हिम्मत करिए और जांच के दायरे में इस दल-बदल प्रकरण के सभी केंद्रीय पात्रों……………… सहित श्री विजय वर्गीय एण्ड कंपनी को भी लाइए। फिर देखिए कैसा 20-20 क्रिकेट मैच जैसा रोमांच आता है। ठीक है न भट्ट जी, मुझसे सहमत हैं?
मेरी भगवान बद्रीश से प्रार्थना है कि 2016 के इस स्टिंग प्रकरण के प्रायोजकों, पात्रों, सहयोगियों, लाभर्थियों का खुलासा होने तक मेरे पांव और वाणी में शक्ति बनाये रखना।
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